राज्य शासन का बड़ा प्रशासनिक फेरबदल: उज्जैन नगर निगम को मिला नया कमिश्नर, अभिलाष मिश्रा को सौंपी कमान; आशीष पाठक का उज्जैन से स्थानांतरण, इंदौर में बने उप परिवहन आयुक्त!

उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:

राज्य शासन ने सोमवार रात को प्रशासनिक हलकों में हलचल मचा देने वाले तबादले आदेश जारी किए हैं, जिनमें कई वरिष्ठ आईएएस और राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को नई जिम्मेदारियाँ सौंपी गई हैं। इस फेरबदल की सबसे प्रमुख कड़ी उज्जैन नगर निगम कमिश्नर का बदलाव है, जहाँ 2017 बैच के आईएएस अधिकारी अभिलाष मिश्रा को नया कमिश्नर नियुक्त किया गया है।

अब तक उज्जैन नगर निगम के कमिश्नर रहे आशीष पाठक को इंदौर में उप परिवहन आयुक्त के पद पर स्थानांतरित किया गया है। वहीं नगर निगम में पदस्थ अधिकारी कृतिका भीमावद को पदोन्नत करते हुए संयुक्त कलेक्टर बनाया गया है। यह बदलाव उज्जैन प्रशासनिक ढांचे में नई कार्यशैली और ऊर्जा का संकेत माना जा रहा है।

राज्य शासन द्वारा कुल 5 आईएएस अधिकारियों के तबादले किए गए हैं। लंबे समय से अध्ययन अवकाश (स्टडी लीव) पर रहे वरिष्ठ आईएएस अधिकारी मनीष सिंह की वापसी भी इस लिस्ट का अहम हिस्सा रही। उन्हें अब प्रमुख सचिव, तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास और रोजगार विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके साथ ही उन्हें खेल एवं युवक कल्याण विभाग का भी अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। मनीष सिंह के कार्यभार संभालने के बाद मनु श्रीवास्तव, जो अब तक नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग के अतिरिक्त प्रभार के साथ खेल विभाग भी संभाल रहे थे, उन्हें इस अतिरिक्त जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया गया है।

इसी क्रम में स्टडी लीव से लौटीं सीनियर आईएएस जीवी रश्मि को महिला एवं बाल विकास विभाग में सचिव के पद पर नियुक्त किया गया है। उनके द्वारा कार्यभार ग्रहण किए जाने के बाद अपर मुख्य सचिव रश्मि अरुण शमी को महिला एवं बाल विकास विभाग के दायित्व से मुक्ति मिल गई है।

तबादलों की इस सूची में प्रबंध संचालक, बीज एवं फार्म विकास निगम के रूप में कार्यरत अनुराग सक्सेना को अब अपर प्रबंध संचालक, राज्य कृषि विपणन बोर्ड की जिम्मेदारी दी गई है। वहीं संदीप केरकेट्टा को मुख्यमंत्री के उप सचिव के साथ-साथ बीज एवं फार्म विकास निगम के प्रबंध संचालक का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है।

राजस्व विभाग में भी बदलाव हुआ है, जहां प्रमुख सचिव विवेक पोरवाल को तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास और रोजगार विभाग के अतिरिक्त प्रभार से मुक्त किया गया है।

राज्य शासन के इस थोकबंद फेरबदल को आगामी प्रशासनिक चुनौतियों और शासकीय योजनाओं के तेज क्रियान्वयन से जोड़कर देखा जा रहा है। विशेष रूप से उज्जैन जैसे धार्मिक और सांस्कृतिक नगरी में नगरीय विकास से जुड़ी नीतियों पर नए कमिश्नर के कार्यकाल में क्या प्रभाव पड़ता है, इस पर सभी की निगाहें होंगी।

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